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माँ


तेरे आँचल की छॉव ने मुझे, 
हर मुश्किल से बचाया माँ ,
हुआ जब दर्द मुझको ,
आँसू तूने अपना बहाया माँ,
थोड़ी सी डांट देती हो चाहे कभी ,
फिर प्यार बेशुमार बरसाती हो माँ ,
तेरे इसी प्यार ने मुझको ,
जीने के काबिल बनाया माँ,
मेरी हर शरारत पर मुझको ,
सबसे तू बचाती थी माँ ,
जब कभी हुआ मैं अकेला ,
तू थी हमेशा मेरे साथ माँ ,
अभी भी याद आता है मुझको,
अपना बीत गया वो बचपन ,
तेरी परियों की कहानी और,
निंदिया रानी का आना ,
तेरी प्यारी थपकियों के बिना,
मुझको नींद कहाँ आती थी माँ,
रूठ जब मैं जाता था ,
तू मुझको मनाती थी माँ ,
मेरी ऐसी कई बातों ने ,
तुझको कितना सताया न माँ,
फिर भी तेरी ममता ने,
मुझको अपनाया माँ,
मेरी जिद की खातिर तुम ,
पापा से लडती थी माँ ,
मेरी हर जरूरत का ख्याल ,
तुमको हमेशा रहता है माँ,
आज भी तो अक्सर जब ,
थक हार जाता हूँ मैं .
तेरी गोद में सर रख कर ,
मैं सो जाता हूँ माँ ,
मुझे फिर वोही आराम ,
वोही सुकून मिलता है,
इस गोद में ही मुझको ,
जनत मिलती है माँ ,
मेरा बचपन लौट के,
फिर आ जाता है माँ..!!

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