Drop Down MenusCSS Drop Down MenuPure CSS Dropdown Menu

रात यूँ दिल में तेरी खोई हुई याद आई

 



रात यूँ दिल में तेरी खोई हुई याद आई,
जैसे बिराने में चुपके से बहार आ जाए |

वो ख़्वाबों में रहती है पर



वो ख़्वाबों में रहती है पर कभी सामने नही आती।
महबूबा मेरी उलझी उलझी पहली है समझ ही नही आती।

ऐसी कशिश उसमे की हर गुजारिश उस तक आ कर रुक जाए।
उसकी याद में जब तक न महके सांस ही नही आती।

मुश्किलें तो बहुत हैं मगर



मुश्किलें तो बहुत हैं मगर इस राह चलना तो है।
कांटों की बगिया है मगर फूल सा खिलना तो है।

थोड़ा ही सही दिल टूटा तो है



थोड़ा ही सही दिल टूटा तो है।
मेरा सनम मुझसे रूठा तो है।