मेरे दोस्त इतना तू रोता क्यों है।
ज़िन्दगी मैं यही तो होता है।
कभी धुप का बसेरा होता है।
कभी अन्धरों का साया होता है।
बदलना ज़िन्दगी की फितरत है।
चलना हमारी किस्मत है।
दो पल के लिए अगर गम आता है।
वो ख़ुशी को भी तो साथ लाता है।
फिर तू क्यों घबराता है।
माना आज कोई नही है तेरे साथ।
पर तू यह क्यों भूल जाता है।
कल भी तो आएगा।
साथ नए हमसाथी लाएगा।
तू मुस्कुरा उस पल के लिए
जो कल लाएगा तेरे लिए।
मेरे दोस्त इतना तू क्यों रोता है।
ज़िन्दगी में यही तो होता है।
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